पीरियड्स के दौरान फिटनेस: क्या करें और क्या न करें

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पीरियड्स के दौरान फिटनेस: क्या करें और क्या न करें
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क्या आप भी हर महीने पीरियड्स के दौरान अपने फिटनेस रूटीन को लेकर असमंजस में रहती हैं? क्या आपके मन में यह सवाल आता है कि मासिक धर्म के दिनों में व्यायाम करना सही है या गलत? तो आप अकेली नहीं हैं। लाखों महिलाएं इस दुविधा का सामना करती हैं।

Table of Contents

आज हम आपको बताएंगे कि पीरियड्स के दौरान फिटनेस को कैसे मेंटेन करें, कौन-सी एक्सरसाइज आपके लिए फायदेमंद हैं और किन गतिविधियों से बचना चाहिए। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों और gynecologists की सलाह पर आधारित है।

पीरियड्स के दौरान व्यायाम: मिथ या सच्चाई?

क्या पीरियड्स में एक्सरसाइज करना सुरक्षित है?

American College of Obstetricians and Gynecologists के अनुसार, हां! पीरियड्स के दौरान व्यायाम करना न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह कई समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है। Women’s Health.gov के अनुसार, नियमित व्यायाम मासिक धर्म चक्र को नियमित करने और क्रैम्प्स को कम करने में सहायक होता है।

वैज्ञानिक तथ्य: व्यायाम के दौरान शरीर में एंडोर्फिन्स (happy hormones) रिलीज होते हैं, जो प्राकृतिक दर्द निवारक की तरह काम करते हैं और मूड को भी बेहतर बनाते हैं।

एक्सपर्ट की राय: स्त्री रोग विशेषज्ञों का क्या कहना है

डॉ. प्रिया शर्मा, स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार:

“पीरियड्स के दौरान हल्की से मध्यम इंटेंसिटी की एक्सरसाइज महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है। यह न केवल दर्द को कम करती है, बल्कि हार्मोनल बैलेंस को भी बनाए रखती है। हालांकि, अत्यधिक भारी व्यायाम से बचना चाहिए।”

Royal Women’s Hospital के अध्ययन के अनुसार, जो महिलाएं नियमित रूप से व्यायाम करती हैं, उन्हें पीरियड्स के दर्द, क्रैम्प्स और मूड स्विंग्स की समस्या कम होती है।

पीरियड्स के दौरान व्यायाम के फायदे

1. दर्द और क्रैम्प्स में कमी

व्यायाम पेल्विक क्षेत्र में रक्त संचार बढ़ाता है और मांसपेशियों को रिलैक्स करता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है।

2. मूड में सुधार

एंडोर्फिन्स के स्राव से तनाव, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन कम होता है।

3. थकान और सुस्ती दूर करना

हल्की एक्सरसाइज एनर्जी लेवल बढ़ाती है और आपको फ्रेश महसूस कराती है।

4. ब्लोटिंग और सूजन में राहत

शारीरिक गतिविधि पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है और पेट की सूजन को कम करती है।

5. मासिक धर्म चक्र को नियमित बनाना

नियमित व्यायाम हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है और irregular periods को ठीक करने में मदद करता है।

पीरियड्स के दौरान क्या करें: सुरक्षित और फायदेमंद व्यायाम

1. योग और स्ट्रेचिंग (सबसे प्रभावी)

बालासन (Child’s Pose):

  • पेट और पीठ के दर्द में राहत
  • तनाव और चिंता कम करता है

शवासन (Corpse Pose):

  • गहरी रिलैक्सेशन
  • मानसिक शांति

सुप्त बद्ध कोणासन:

  • पेल्विक क्षेत्र में रक्त प्रवाह बढ़ाता है
  • क्रैम्प्स में तुरंत राहत

मार्जरी आसन (Cat-Cow Pose):

  • रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है
  • पेट की मांसपेशियों को आराम देता है

2. हल्की कार्डियो एक्सरसाइज

वॉकिंग (30-40 मिनट):

  • सबसे सुरक्षित और प्रभावी
  • रक्त संचार बढ़ाता है

स्लो साइकलिंग:

  • कम इंटेंसिटी पर करें
  • बॉडी को एक्टिव रखता है

स्विमिंग (हल्की तैराकी):

  • पूरे शरीर की एक्सरसाइज
  • जोड़ों पर कम दबाव

3. पिलाटेस और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (हल्की)

लाइट वेट एक्सरसाइज:

  • 50% इंटेंसिटी पर करें
  • मांसपेशियों को टोन करता है

बॉडीवेट एक्सरसाइज:

  • हल्के स्क्वाट्स
  • वॉल पुश-अप्स

4. ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन

भ्रमरी प्राणायाम:

  • तनाव कम करता है
  • नींद बेहतर बनाता है

अनुलोम-विलोम:

  • हार्मोनल बैलेंस
  • मानसिक शांति

पीरियड्स के दौरान क्या न करें: बचने योग्य एक्सरसाइज

1. हाई इंटेंसिटी वर्कआउट (HIIT)

क्यों बचें:

  • शरीर पर अत्यधिक दबाव
  • ब्लीडिंग बढ़ सकती है
  • अधिक थकान

Healthline के अनुसार, हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज पहले 1-2 दिनों में avoid करनी चाहिए।

2. हेवी वेट लिफ्टिंग

क्यों बचें:

  • पेल्विक फ्लोर पर अत्यधिक प्रेशर
  • पेट में दर्द बढ़ सकता है
  • ऊर्जा स्तर कम होने पर खतरनाक

3. इनवर्टेड योगासन (उल्टे आसन)

बचने योग्य आसन:

  • सर्वांगासन (Shoulder Stand)
  • शीर्षासन (Headstand)
  • हलासन (Plow Pose)

क्यों बचें:

  • रक्त प्रवाह की दिशा उलटी हो जाती है
  • पीरियड फ्लो में बाधा
  • चक्कर आ सकता है

4. तीव्र रनिंग और स्प्रिंटिंग

क्यों बचें:

  • पेट में मरोड़
  • अत्यधिक थकान
  • शरीर पर stress

5. लंबे समय तक साइकलिंग

क्यों बचें:

  • पेल्विक क्षेत्र पर दबाव
  • असुविधा और दर्द बढ़ सकता है

6. क्रंचेस और एब्स एक्सरसाइज

क्यों बचें:

  • पेट की मांसपेशियों पर सीधा दबाव
  • क्रैम्प्स बढ़ सकते हैं

पीरियड्स के चरणों के अनुसार व्यायाम योजना

Day 1-2 (मासिक धर्म शुरुआत – भारी फ्लो):

  • करें: हल्का योग, धीमी वॉकिंग, स्ट्रेचिंग
  • न करें: कोई भी intense workout
  • अवधि: 15-20 मिनट

Day 3-5 (मध्य चरण – मध्यम फ्लो):

  • करें: मध्यम इंटेंसिटी योग, स्विमिंग, पिलाटेस
  • न करें: हैवी वेट लिफ्टिंग
  • अवधि: 30-40 मिनट

Day 6-7 (अंतिम चरण – हल्का फ्लो):

  • करें: सामान्य workout routine resume
  • न करें: अचानक बहुत ज्यादा इंटेंसिटी बढ़ाना
  • अवधि: 45-60 मिनट

महत्वपूर्ण सुझाव और सावधानियां

1. अपने शरीर की सुनें

हर महिला का शरीर अलग होता है। अगर आप बहुत थकान या दर्द महसूस करें, तो आराम करें।

2. हाइड्रेशन बनाए रखें

पीरियड्स में शरीर से अधिक तरल पदार्थ निकलता है। खूब पानी पिएं।

3. सही डाइट

  • आयरन युक्त खाद्य पदार्थ: पालक, चुकंदर, खजूर
  • मैग्नीशियम: केला, बादाम
  • विटामिन C: संतरा, आंवला

4. आरामदायक कपड़े पहनें

ब्रीथेबल, कंफर्टेबल एक्सरसाइज wear चुनें।

5. सही सैनिटरी प्रोडक्ट्स

व्यायाम के दौरान टैम्पन या मेंस्ट्रुअल कप ज्यादा सुविधाजनक हो सकते हैं।

6. वार्म-अप और कूल-डाउन न भूलें

शरीर को तैयार करने के लिए 5-10 मिनट की वार्मिंग जरूरी है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें

निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें:

  • अत्यधिक भारी ब्लीडिंग
  • असहनीय दर्द जो दवा से ठीक न हो
  • व्यायाम के बाद अत्यधिक थकान
  • चक्कर आना या बेहोशी
  • अनियमित पीरियड्स (3 महीने से ज्यादा)

विशेष टिप्स: फिटनेस एक्सपर्ट्स की सलाह

1. प्री-वर्कआउट स्नैक: व्यायाम से 3-4 घंटे पहले 30 ग्राम कार्ब्स लें (केला, ओट्स)

2. मॉर्निंग वर्कआउट: सुबह हल्का व्यायाम करने से पूरे दिन एनर्जी रहती है

3. इवनिंग योग: शाम को रिलैक्सिंग योग करें – बेहतर नींद के लिए

4. ट्रैक करें: अपने सिम्पटम्स और वर्कआउट को ट्रैक करें – पैटर्न समझने के लिए

5. पार्टनर सपोर्ट: दोस्त या परिवार के साथ व्यायाम करें – मोटिवेशन बढ़ता है

सामान्य मिथक और सच्चाई

मिथक 1: पीरियड्स में व्यायाम से ब्लीडिंग बढ़ती है
सच्चाई: सही इंटेंसिटी की एक्सरसाइज ब्लीडिंग नहीं बढ़ाती, बल्कि regulate करती है

मिथक 2: पीरियड्स में आराम ही सबसे अच्छा है
सच्चाई: हल्की एक्सरसाइज आराम से ज्यादा फायदेमंद है

मिथक 3: योग और स्ट्रेचिंग से कोई फायदा नहीं
सच्चाई: योग सबसे प्रभावी व्यायाम है पीरियड्स में

निष्कर्ष

पीरियड्स के दौरान फिटनेस maintain करना न केवल संभव है, बल्कि अत्यंत लाभकारी भी है। सही एक्सरसाइज चुनकर और अपने शरीर की सुनकर आप इन दिनों को भी एक्टिव और स्वस्थ बिता सकती हैं। याद रखें – हर महिला का अनुभव अलग होता है, इसलिए अपनी बॉडी के अनुसार routine बनाएं।

याद रखें: पीरियड्स कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। सही ज्ञान और जागरूकता से आप इन दिनों को भी आसान बना सकती हैं।

संदर्भ और स्रोत:

  • American College of Obstetricians and Gynecologists (ACOG)
  • Women’s Health.gov
  • Royal Women’s Hospital Studies
  • National Institutes of Health (NIH) Research

नोट: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी नए व्यायाम कार्यक्रम को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें, खासकर यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है।

खास आपके लिए –

Swati Singh
Beauty & Lifestyle Expert | Glamour Enthusiast | Sharing tips on fashion, makeup & wellness

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